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Tally Prime mein grouping kaise banayein?

टैली प्राइम में ग्रुप कैसे बनाएं?

दोस्तों पिछले पोस्ट में हमने लेजर बनाने की जानकारी हासिल की, इस पोस्ट में हम बात करेंगे कि किसी भी लेजर की ग्रुपिंग कैसे करते है| लेकिन उससे पहले हमें जानना है की ग्रुपिंग क्या होती है और क्यों इसकी ज़रूरत होती है|  

एकाउंटिंग में ग्रुपिंग क्या है?

दोस्तों लेजर बनाते समय आप लोग लेजर की ग्रुपिंग सेलेक्ट करते हो कि उस लेजर को किस ग्रुप में जाना चाहिए, वह लेजर एसेट्स का पार्ट बनेगा या लाईबिलिटीज़ का पार्ट बनेगा, वह इनकम का पार्ट बनेगा या एक्सपेंसेस का पार्ट बनेगा| टैली में सभी प्रकार की ग्रुपिंग पहले से बनी हुई दी गयी है जो निम्न प्रकार से है 

Primary Group 

According to Nature 
1. Assets 
1. Current Assets 
2. Fixed Assets 
3. Investments 
4. Miscellaneous Expenses (Asset) 


2. Liabilities 
1. Capital Account 
2. Current Liabilities 
3. Loans (Liability) 
4. Branch / Divisions 
5. Suspense Account 

3. Expenses 
1. Purchase Account 
2. Direct Expenses 
3. Indirect Expenses 

4. Income 
1. Sales Account 
2. Direct Income 
3. Indirect Income 

Primary Group & Sub Group 

1. Capital Account 
1. Reserves and Surplus [Retained Earnings] 

2. Current Assets 
1. Bank Accounts 
2. Cash-in hand 
3. Deposits (Asset) 
4. Loans & Advances (Asset) 
5. Stock-in-hand 
6. Sundry Debtors 

3. Fixed Assets 

4. Current Liabilities 
1. Duties and Taxes 
2. Provisions 
3. Sundry Creditors 

5. Investments 

6. Loans (Liability) 
1. Bank OD Accounts [Bank OCC Accounts] 
2. Secured Loans 
3. Unsecured Loans 

7. Suspense Account 

8. Miscellaneous Expenses (Asset) 

9. Branch/Divisions 

10. Sales Account 

11. Purchase Account 

12. Direct Income 

13. Indirect Income 

14. Direct Expenses 

15. Indirect Expenses 

दोस्तों ऊपर दी गयी लिस्ट टैली में बनी हुई आती है, इन सब के अलावा आप अलग से भी ग्रुपिंग बना सकते है|उदहारण के तौर पर हम GST की ग्रुपिंग ले लेते है|

GST में मुख्यतः GST  इनपुट और GST आउटपुट चलता है| GST के लेजर का नेचर होगा Duties  & Taxes जोकि करंट लायबिलिटीज के अंडर में आएगा| अब अगर आप सिंपल GST इनपुट और GST आउटपुट का लेजर बनाते है तो आप duties & taxes  में डालेंगे जोकी बाकी लेजर्स के साथ मर्ज हो जायेंगे और आपकी बैलेंस शीट ठीक ढंग से आपको व्यू नहीं देगी| इसके लिए हमें GST की ग्रुपिंग बनानी पड़ेगी 

ग्रुपिंग बनाने के लिए आपको गेटवे ऑफ़ टैली (यानी पहले पेज पर) आना होगा, और Create पर एंटर प्रेस करना होगा| आपके सामने Accounting Master में ग्रुप पर एंटर करना है| 


ग्रुप पर एंटर करने के बाद टैली आपको एक नया ग्रुप बनाने का ऑप्शन देगा| जो पहले से बने हुए ग्रुप के अंतर्गत बनेगा| 

उदाहरण के तौर पर, हमने GST आउटपुट का ग्रुप Duties & taxes के अंडर बनाया है 



ऊपर दी गयी पिक्चर में आप देख सकते है की GST Output को Duties & Taxes के अंडर में रखा गया है जोकि बैलेंस शीट में Current Liabilities की ग्रुपिंग में हमें दिखेगा| 


हमने उसी तरीके से एक GST Input का ग्रुप बनाया और उसे भी Duties & Taxes के अंडर ही रखा है| 

अब बारी आती है ये देखने की कि क्या ये दोनों ग्रुप अपनी सही जगह पर बने है? तो  उसके लिए हमें लेजर बना कर एन्टेरी पोस्ट करनी होगी | 

अब हम सेल एंट्री बनाते है जोकि 5 % GST पर होगी और एक परचेस की एंट्री बनाएंगे जो 18% GST पर होगी | लेकिन उसके पहले हमको GST के लेजर्स की ग्रुपिंग चेंज करनी होगी जोकि नीचे दी गयी फोटो के अनुसार होगी 



इसी तरह बाकी के सभी लेजर्स आपको बनाने होंगे जिनकी ग्रुपिंग आपको करनी है| ऊपर दी गयी फोटो की ग्रुपिंग इस प्रकार है 

Main Group - Current Liability (Primary)
Secondary Group - Duties & Taxes
Sub Group - GST Input or GST Output

एंट्री पोस्ट करने के बाद हम बैलेंस शीट या ट्रायल बैलेंस में जाके देखते है कि जो ग्रुपिंग हमने की है क्या वो ठीक है या उसे हमें आल्टर करना चाहिए 


आप देख सकते है की जो ग्रुपिंग हमने की थी और जैसी हम चाहते थे बिलकुल वैसी ही हुई है| तो इस तरह से आप अपने लेजर्स की ग्रुपिंग कर सकते है | 

किसी भी प्रकार की फ्री सहायता के लिए आप हमारे व्हाट्सप्प नंबर 8920287934 पर संपर्क कर सकते है| 

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